
सोने जैसा जगमगा उठेगा सोमनाथ मंदिर, सोने से मढ़े जा रहे हैं 1400 कलश
अहमदाबाद:
गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple) के 1400 कलशों को सोने से मढ़ने का काम किया रहा है. जानकारी के मुताबिक, कलशों को सोने से मढ़ने का काम साल 2021 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. सोमनाथ (Somnath) देश के 12 ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlinga) में से एक है. कई बार इस मंदिर को तोड़ा गया और दोबारा बनाया गया. अब सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट (Somnath Temple Trust) ने मंदिर के 1400 कलशों को सोने से मढ़ने का निर्णय लिया है. साल 2021 के अंत तक मंदिर के सभी कलशों को सुनहरा बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा.
We are undertaking gold plating of over 1,400 ‘Kalash’ of the Somnath Temple. So far, around 500 people have made donations for the initiative: PK Laheri, Somnath Temple Trustee
(21.12.20) #Gujaratpic.twitter.com/jop0xXBu6L
— ANI (@ANI) December 21, 2020
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सोमनाथ मंदिर के ट्रस्टी पीके लहरी ने बताया, ‘हम सोमनाथ मंदिर (Somnath Mandir) के 1400 से अधिक ‘कलशों’ पर की सोने की परत चढ़ा रहे हैं. अब तक लगभग 500 लोगों ने इस पहल के लिए दान किया है.’ सोमनाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने करवाया था. मंदिर के वर्तमान भवन के पुनर्निमाण की शुरुआत आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करवाया और फिर इसे 1995 में भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने राष्ट्र को समर्पित किया था. ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, सोमनाथ मंदिर को इस्लामिक सम्राटों द्वारा 17 बार नष्ट किया गया, लेकिन हर बार इसका पुनर्निर्माण कराया गया.
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साल 1024 में महमूद गजनवी ने यहां पर चढ़े सोने-चांदी तक के सभी आभूषणों को लूटा था और शिवलिंग को भी तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन नाकाम रहा था. इसके बाद साल 1300 में अलाउद्दीन की सेना ने भी शिवलिंग को खंडित किया. सोमनाथ मंदिर की ऊंचाई लगभग 155 फीट है और मंदिर के चारों तरफ विशाल आंगन है. मंदिर तीन भागों में विभाजित है- नाट्यमंडप, जगमोहन और गर्भगृह. मंदिर के बाहर वल्लभभाई पटेल, रानी अहिल्याबाई आदि की मूर्तियां भी लगी हैं. यहां तीन नदियों हिरण, कपिला और सरस्वती का महासंगम होता है. इस त्रिवेणी स्नान का विशेष महत्व है.