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कमलनाथ ने कहा, “मैंने अपने जीवन में कभी भी किसी भी कांग्रेस जन का सर झुकने नहीं दिया. जो कहते हैं कि कमलनाथ प्रदेश छोड़ कर चले जाएंगे ,वह सुन ले कमलनाथ जीवन पर्यन्त कांग्रेसजनों के साथ मिलकर प्रदेश वासियों की सेवा करते रहेंगे. हमें निराशा का भाव नहीं लाना है, हमने तो 77 का वह दौर भी देखा है ,जब लोग कहते थे कि कांग्रेस खत्म हो गई. हमने वह दौर भी देखा, जब भाजपा के पास मात्र एक-दो सीटें थी.”
उन्होंने कहा, ”मेरा जीवन में एक ही सिद्धांत है कि जो कुछ करो ईमानदारी से करो. मुझे सौदेबाजी का अक्टूबर माह से ही पता चल गया था पर मैंने तय किया था कि मैं प्रदेश में सौदेबाजी कर प्रदेश का नाम कलंकित नहीं करूंगा. जब मैंने 20 मार्च को इस्तीफा दिया तो मेरे सामने दो रास्ते थे या तो मैं सब छोड़कर चले जाऊं या यहीं रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करूं. मैंने तय किया कि मैं यहीं रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करूंगा, कांग्रेस जनों को अकेला नहीं छोडूंगा, हर चुनौती का सामना करूंगा.”
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ”हम सब मिलकर इन परिणामों की समीक्षा करेंगे, विश्लेषण करेंगे. आप सभी मुझे इसकी रिपोर्ट बना कर दें, मैं भी अपने स्तर पर समीक्षा कर आ रहा हूं. यह हार अप्रत्याशित है, हम उन बूथों पर भी हारे, जहां हम आज तक नहीं हारे.”
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बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव में हार जीत होती है लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग में सभी लोग कहते थे कि सिंधिया जी के चले जाने के बाद कांग्रेस का सफाया हो जाएगा और कांग्रेस का एक कार्यकर्ता भी नहीं मिलेगा लेकिन हम यहां 16 में से 7 सीटें जीते हैं, भांडेर सीट हम सिर्फ 161 वोट से हारे. भाजपा की जीत अप्रत्याशित है जिन बूथों पर हम आज़ादी के बाद से आज तक नहीं हारे, वहां भी परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आये. प्रशासन ने भाजपा का पूरी तरीके से समर्थन किया, चुनाव आयोग ने भी हमारी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की.”
दिग्विजय सिंह ने कहा, ”कमलनाथ जी ने बहुत ही अच्छे ढंग से प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं की इन चुनावों में जवाबदारी तय की, उन्होंने बेहतर ढंग से चुनाव का संचालन किया. उन्होंने ब्लॉक, मंडल, सेक्टर, पोलिंग बूथ तक इन 28 सीटों पर संगठन खड़ा किया. कमलनाथ जी का अनुभव, सक्रियता, चुनाव लड़ने लड़ाने के कुशल प्रबंधन पर हमें भरोसा है. हमें 2023 लिए अभी से जुट जाना चाहिये.”