
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश की है.
नई दिल्ली:
एक नाटकीय घटनाक्रम में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार की सुबह 10 बजे कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई और कठोर कदम उठाते हुए थोड़ी ही देर बाद राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से संसद भंग करने की सिफ़ारिश कर दी. पीएम ने जब ये आपात बैठक बुलाई तो काठमांडू की सियासी गलियारे में यह चर्चा होने लगी कि हाल ही में लाया गया अध्यादेश वापस करने पर ओली सरकार फैसला करेगी लेकिन जब संसद भंग करने की खबरें आईं तो सभी चौंक गए.
ओली केबिनेट में ऊर्जा मंत्री रहे बरशमन पुन ने कहा, “आज की कैबिनेट बैठक ने संसद को भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजने का फैसला किया गया.”
पीएम ओली पर संवैधानिक परिषद अधिनियम (Constitutional Council Act) से संबंधित एक अध्यादेश को वापस लेने का जबर्दस्त राजनीतिक दबाव था जिसे उनकी सरकार ने मंगलवार को जारी किया था और उसी दिन राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उस पर हस्ताक्षर किए थे.
शनिवार को पीएम ओली ने सहयोगी दल के अध्यक्ष पुष्पा कमल दहल के साथ सुबह में और दोपहर में सचिवालय के सदस्य राम बहादुर थापा और शाम को राष्ट्रपति भंडारी के साथ कई बैठकें की थीं.