भारत के पूर्व महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट के आकर्षण को बनाये रखने के लिए वह कितने दिनों तक चला यह देखने की जगह वह कितना रोमांचक था यह देखा जाना चाहिये. भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला के शुरुआती तीन मुकाबले तीन दिन के अंदर खत्म हो गये थे. इससे इन पिचों की काफी आलोचना हुई लेकिन तेंदुलकर ने कहा कि क्रिकेट का काम हर तरह की परिस्थितियों में खेलना होता है. वनडे क्रिकेट की चमक कुछ फीकी पड़ है, उसे रोमांचक बनाने की ज़रूरत है.
उन्होंने ‘स्पोर्ट्स तक’ से कहा, ‘‘ हमें एक बात समझने की जरूरत है कि टेस्ट क्रिकेट आकर्षक होना चाहिए और इस बात पर जोर नहीं होना चाहिए कि यह कितने दिन चलता है. हम (क्रिकेटर) अलग-अलग पिच पर खेलने के लिए बने हैं. पिच चाहे तेज़ गेंदबाजों की मददगार हो या स्पिनरों के मुताबिक हो हमें हर स्थिति में गेंद का सामना करने आना चाहिये.”उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समय में जब आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद), मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) और अन्य क्रिकेट निकाय टेस्ट क्रिकेट को मनोरंजन और शीर्ष प्रारूप बनाने की बात कर रहे हैं, तीन दिनों में समाप्त होने वाले मैचों में कोई नुकसान नहीं है.
उन्होंने दौरा करने वाली टीमों से मुश्किल स्थिति के लिए तैयार रहने की सलाह देते हुए कहा, ‘‘जब आप दौरा करते हैं तो परिस्थितियां आसान नहीं होती हैं. आपको यह समझने की जरूरत है कि क्या हो रहा है, हर चीज का आकलन करें और फिर चीजों की योजना बनाना शुरू करें. ” उन्होंने कहा, ‘‘आईसीसी, एमसीसी के साथ हम सभी टेस्ट क्रिकेट के बारे में बात कर रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट कैसे शीर्ष प्रारूप बना रह सकता है.अगर हम ऐसा चाहते हैं, तो हमें गेंदबाजों के लिए कुछ करने की जरूरत है क्योंकि गेंदबाज़ हर गेंद पर एक सवाल पूछते हैं और बल्लेबाज़ को उसका जवाब देना होता है.”
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